आपला जिल्हाआरोग्य व शिक्षणताज्या घडामोडीमहाराष्ट्र
एम सी आर न्यूज कवयित्री आपल्या भेटीला:”मेरे सनम”. लैलेशा भुरे

*मेरे सनम*
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हम तो मरते हैं तुमपे
दिलों जान से मेरे इल्ले- इलाही
आप आए तो सनम
जिंदगी में मेरे बाहार आयी
अब तुम बगैर
क्या जीना-मरना
घुले तुझमें जैसे
पानी में शराब मिलायी
मुकम्मल मोहब्बत का होना
मंजूर नहीं खुदा को
खुदा के आगे
किसकी चली मेरे माही
तुम हो तो जिंदगी
बहता झरना है
मैं तो मुसाफिर हूं
बन चलूॅं तेरा हमराही
जिस तरफ तुम जाओगी
उस तरफ मैं चलूॅंगा
तेरे साथ चल दूं सनम
उमरभर साथ निभाऊॅंगा
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लैलेशा भुरे
नागपूर