ताज्या घडामोडी
एम सी आर न्यूज कवयित्री आपल्या भेटीला “दिल्लगी”. : लैलेशा भुरे नागपूर
*दिल्लगी*
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मत जाना कभी
हुस्न वालों की गली में
जान जाती है
दिलकी दिल्लगी में
न लाज शरम बची
मेरे मदहोश होने में
उसे देखा तो लगा
परी नाहायी चाॅंदनी में
न मैं बेवफा ना वो है
दिवाना हुआ उसकी बातों में
दिल झुमता रहता है
उसकी आशकी में
नहीं रहा अब होश किसीका
ऑंखों के नशे में
ऐसा नशा तो मिला नहीं
अब तक हमको जमाने में
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लैलेशा भुरे
नागपूर